हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,इंसान सिर से पांव तक ज़रूरतमंद है, इन ज़रूरतों से छुटकारा पाने और इन ज़रूरतों की पूर्ति के लिए किससे कहें? अल्लाह से; क्योंकि वह हमारी ज़रूरतों को जानता है, अल्लाह जानता है कि आप क्या चाहते हैं, क्या ज़रूरी है; और कौन सी चीज़ आप उससे मांग रहे हैं और सवाल कर रहे हैं तो अपने अल्लाह से मांगिए।
अल्लाह फ़रमाता हैः मुझसे दुआ करो। यानी मुझको पुकारो मैं तुमको जवाब देता हूं, अलबत्ता यह जवाब देना, ज़रूरत पूरी कर देने के मानी में नहीं है, फ़रमाता हैः मैं तुमको जवाब देता हूं और लब्बैक कहता हूं।
मैं तुम्हारी दुआ क़ुबूल करुंगा” निश्चित तौर पर अल्लाह की तरफ़ से जवाब बहुत से मौक़ों पर हाजत पूरी होने और जो कुछ आपने अल्लाह से चाहा है उसके पूरे होने के साथ है। (अल्लाह अपने बंदों को दूसरों का मोहताज देखना पसंद नहीं करता)
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